उत्तर प्रदेश, मथुरा में बांके बिहारी के मंदिर में बदल गए हैं टाइम और भोग लगाने का समय, उत्तर प्रदेश मथुरा में बांके बिहारी के मंदिर में गर्मी की वजह से भोग और दर्शन करने का समय बदल दिया गया है, अब ठाकुर जी का 1 घंटे पहले भोग लगेगा तथा शाम के समय मंदिर खुलने और बंद होने का समय बदल दिया गया!
मिली जानकारी के अनुसार, होली के बाद बांके बिहारी जी के मंदिर में लगने वाली भोग जो पहले गरिष्ठ पदार्थ की थी गर्मी की वजह से बांके बिहारी जी का भोग अब तरल पदार्थ में बढ़ा दिया गया है, आपको बताते हैं कि, गर्मी का वजह से बांके बिहारी जी को महा भोग में हवा, पकौड़ी, दूध, खोया, सुबह का भोग में रखा जाता है तथा दोपहर का भोग में कढ़ी, दाल, गली सूखी सब्जी, नमकीन, मीठा रायता, सादा चावल, खोवा का लड्डू, दूध भात, खीर, पराठा, पापड़, अचार, चटनी, मुरब्बा का भोग लगाया जा रहा है, रात्रि के समय का भोग पूरी, कचोरी, पकौड़ी, समोसा, सूखी सब्जियां, मीठा दही, चटपटा रायता , दूध रोटी, हवा, दूध भात की भोग लगाया जा रहा है !
आपको बताते की, गर्मी के वजह से बांके बिहारी जी का पोशाक भी बदला जा रहा है, गर्मी का एहसास ना हो इसके लिए मंदिर में कूलर एसी का प्रबंध किया जा रहा है, गर्मी की वजह से ठाकुर जी को हल्के रंग का रश्मि और सूती कपड़े का पोषक पहनाया जा रहा है !
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पट खुलने के समय
आपको बता दें की गर्मी आने की वजह से सुबह 7:42 में मंदिर का पट खुलेगी और दोपहर 12:00 बजे आरती के बाद मंदिर का पट बंद होगी, इसके बाद शाम 5:30 बजे मंदिर का पट खुलने के बाद रात में 9:30 बजे पट बंद होगी !
आपको बता दे, तीर्थ नगरी ठाकुर बांके बिहारी जी का एक ऐसा मंदिर है, जहां सुबह मंगला आरती नहीं होती, इसकी पीछे एक धारणा है, यहाँ बांके बिहारी जी की सेवा बाल रूप से होती है, और रात में निधिवन राज मंदिर में रसरा चाहते हैं, तो देर से सोते हैं, सुबह मंगला आरती नहीं होती है, क्योंकि यह देर से उठते हैं, इसलिए मंदिर में मंगला आरती की परंपरा नहीं है!
आपको बता दे की सर्दी के मौसम में बांके बिहारी जी 8:45 बजे बट खुलने के बाद लोगों को दर्शन देते थे, सुबह 11:00 भोग लगाया जाता था, 11:55 में राजभोग आरती करके 12:00 बजे पट बंद हो जाती थी, इसी तरह शाम के 5:00 बजे मंदिर का पाठ खुलता था, और करीब 8:30 में ठाकुर जी को भोग लगाकर 9:00 बजे के आसपास मंदिर कपाट बंद कर दिया जाता था !