
केरल के वेंजरामूडु में अफान ने परिवार के पांच सदस्यों और गर्लफ्रेंड की हत्या की. आर्थिक तंगी और कर्ज़ से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया. मारे गए लोगों में उसका छोटा भाई अफसान, दादी सलमा बीवी, चाचा लतीफ, चाची शाहिदा और गर्लफ्रेंड फारसाना शामिल थे. उसकी मां शेमी पर भी हमला हुआ, लेकिन वो बच गईं और अस्पताल में भर्ती हैं. पिता रहीम ने अफान के बयान को गलत बताया है. अफान ने ये हत्याएं पैसों की तंगी और कर्ज़ से परेशान होकर की. उसके ऊपर भारी कर्ज़ था. उसका पिता अब्दुल रहीम सऊदी अरब में काम करता था,
"पता चला है कि अफान ने ये हत्याएं पैसों की तंगी और कर्ज़ से परेशान होकर की. उसके ऊपर भारी कर्ज़ था. उसका पिता अब्दुल रहीम सऊदी अरब में काम करता था. वहां उसे बिजनेस में करीब 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ. आर्थिक तंगी के कारण वह घर पैसे नहीं भेज पा रहा था, जिससे परिवार की मुश्किलें बढ़ गईं,,
घटना वाले दिन अफान ने सबसे पहले अपनी मां पर हमला किया. फिर वह अपनी दादी के घर गया, जहां उसने उन्हें मार डाला और उनकी सोने की चेन लेकर 15,000 रुपये में बेच दी. इसके बाद वह अपने चाचा-चाची के घर गया और जब उन्होंने पैसे देने से मना किया, तो उनकी भी हत्या कर दी. आखिर में उसने अपने छोटे भाई और गर्लफ्रेंड को मार दिया. हत्या के बाद अफान ने जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की, लेकिन बच गया. फिर वह वेंजरामूडु पुलिस स्टेशन गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथियार भी बरामद कर लिया और पुष्टि की कि अफान ने यह सब अकेले किया,
अफान के पिता रहीम कानूनी और आर्थिक दिक्कतों के कारण सऊदी में फंसे थे. घटना के बारे में जानकर वह बेहद दुखी हुए. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बेटे के इरादों की कोई जानकारी नहीं थी. 28 फरवरी 2025 को रहीम सभी कानूनी अड़चनों को दूर कर केरल लौट आए. अब वह अपने बचे हुए परिवार की मदद करना चाहते हैं और पुलिस जांच में सहयोग कर रहे हैं.अफान के पिता अब्दुरहीम ने कहा कि उनके बेटे ने पुलिस को जो बयान दिया है, वह सच नहीं है. उन्होंने कहा कि उनका बिजनेस पहले अच्छा चल रहा था,
लेकिन कोविड के बाद आर्थिक दिक्कतें बढ़ गईं. वह अफान को गल्फ लाने और वहां अच्छी नौकरी दिलाने की सोच रहे थे, लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनका बेटा कहां भटक गया. रहीम ने यह भी कहा कि “मैंने पुलिस को यह नहीं कहा कि मुझ पर 65 लाख रुपये का कर्ज है. देश में मेरा कर्ज सिर्फ 5 लाख रुपये के आसपास है. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से भी लोन लिया था. मैं घर सिर्फ इसलिए नहीं जा रहा था ताकि सब कर्ज चुका सकूं. दो-तीन साल और मेहनत करके सब सही करने की योजना थी, रहीम ने कहा कि “मेरी पत्नी ने एक दिन बताया कि वह किसी लड़की से प्यार करता है. मेरी बहन की बेटी ने भी कहा कि वह बाइक पर एक लड़की के साथ घूमता था,
रहीम ने बताया मैं एक स्पॉन्सर से किराए पर दुकान चला रहा था. हर महीने 6,000 रियाल देने पड़ते थे. पहले मैं अच्छी कमाई करता था. बड़ा घर था, काफी संपत्ति खरीदी थी. रिश्तेदारों से भी अच्छे संबंध थे. कोरोना के बाद मुश्किलें आईं. फिर मैंने ब्याज पर पैसा लिया, बिजनेस किया और धीरे-धीरे चुकाने लगा. मैंने यमनी लोगों से पैसे लिए. दुकान का लाइसेंस, इकामा और गवाह दिखाकर उधार लिया. मैं पैसों का लेन-देन कर रहा था, लेकिन बिजनेस धीरे-धीरे गिरने लगा. कफील को पैसे देने, घर खर्च चलाने और परिवार को भेजने के बीच मैं किसी तरह संभालने की कोशिश कर रहा था. बाद में दो बार और पैसे उधार लिए. 30,000 रियाल का कर्ज लिया. कुछ चुका दिया, लेकिन बाकी बचा था. पलक्कड़ का एक व्यक्ति था, जिसके लिए मैंने गारंटर बना था. वह अचानक घर लौट गया, तो उसकी देनदारी भी मेरे सिर आ गई. मैंने उससे भी पैसे लिए थे, हम दोनों एक-दूसरे के गारंटर थे. जब वह वापस नहीं आया, तो सारा कर्ज मुझ पर आ गया. अभी भी मुझे यमन के एक व्यक्ति को 28,000 रियाल देने हैं !
post By Hema palkar