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Bihar News उम्र कम हौसले बड़े बिहार के शुभम कुमार विकलांग होने के बाद भी पढ़ने का जुनून
Fri, 07 Mar 2025
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बिहार के शुभम कुमार विकलांग होने के बाद भी पढ़ने का जुनून, आज आपको बिहार की शुभम कुमार की कहानी बताते हैं, सुबह कुमार का उम्र 12 साल है सीहोर पंक्ति शिव हर प्रखंड माधव माधवपुर गांव के रहने वाले हैं, इनका जुनून है पुलिस बनना दोनों पैर से विकलांग है, पर उनकी हिम्मत और हौसले को देखते हुए, जितने भी विकलांग लोग हैं, उनको एक सबक मिलता है कि हम भी कुछ कर सकते हैं, हमारे अंदर हौसला होना चाहिए!

 शुभम कुमार की कहानी 

शुभम कुमार की कहानी ऐसी है इनका पढ़ने का जुनून देखकर गांव के सभी लोग दंग रह जाते हैं हाथों को पांव बनाया कंधे पर भेज रखा और फिर चल दिए स्कूल इनके अंदर जरा सा भी डर और हिम्मत हारने की साहस नहीं है हौसले बुलंद है बात करने से इन्होंने बताया कि मुझे पर लेकर पुलिस बनना है शुभम कुमार का स्कूल घर से 500 मीटर दूर है पर वह अपने हाथों से स्कूल पढ़ने जाते हैं वहीं इनका ट्यूशन पढ़ने के लिए 200 मीटर दूरी रोजाना तय करते हैं, यह लगभग रोजाना डेढ़ किलोमीटर हाथों से चलकर स्कूल और ट्यूशन जाते हैं पर उनके चेहरे पर एक भी सेकंड नहीं है जिसे यह हिम्मत हार जाए उनके हौसले काफी बुलंद है!

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परिवार वालों ने बताया
शुभम कुमार के घर से जो रास्ते हैं वह सभी उबर खाबर सड़के हैं, नुकीले पत्थर है, रोड और सड़क टूटी-फूटी हुई है, फिर भी शिक्षा के प्रति इनका जुनून जो है अटल है, शुभम कुमार के परिवार में माता रूबी पिता सुशील पटेल एक बहन और एक बड़ा भाई है, इन्होंने बताया कि यह बचपन से ही विकलांग है, लेकिन इसके अंदर का हौसला देखते हुए हम लोग को भी हौसला मिल जाता है! बचपन से ही हम लोग सोचे की शुभम कुमार की अलग से देखभाल  करना पड़ेगा लेकिन धीरे-धीरे जब यह बड़ा हुआ तो यह अपना सब  काम खुद से करने लगा, इसके दोनों पैर काम नहीं करते हैं लेकिन यह अपने हाथों को पैर बनाकर काम करना शुरू कर दिया, हर जगह यह खुद से आना-जाना करता है, और खुद से ही अपना सब काम  करता है!

शुभम कुमार की परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है वह गरीबों की मार झेल रहे हैं, इसलिए शुभम कुमार के पिता शुभम कुमार के लिए व्हीलचेयर नहीं खरीद सकते हैं,  लेकिन शुभम कुमार अपने हौसलों को काफी बुलंद रखते हुए अपने पढ़ाई के लिए लगभग रोजाना डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा चल जाता है, पिता सुशील पटेल ने कहा बेटे शुभम कुमार अपने दोनों पैरों से चल नहीं सकते हैं, लेकिन फिर भी उनके अंदर पढ़ने की जो लालसा है उसे देखते हुए गांव के सभी लोग सलाम करते हैं!

Post By Aarav Kumar

 
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