AIIMS में आया 4 पैरों वाला बच्चा एक बच्चा पिछले 17 साल से ऐसा जीवन जी रहा था कि आप सुनकर भी दंग रह जाएंगे, बच्चा 4 पैरों के साथ ही जन्म लेकर इस दुनिया में आया, ऐसा नहीं है कि चारों पैरों चलने के लिए थे बल्कि दो पैर इसके पेट के पास चिपके थे, अधिकांश लोग इसे देखकर डर जाते थे,
'' प्रताड़ना इतनी अधिक बढ़ गई कि 8वीं तक आते-आते स्कूल छोड़ना पड़ा. बच्चे को हर तरफ से ताना मिलता था लेकिन उसकी जीवटता को देखिए कि वह इस दर्द को पिछले 17 सालों से झेल रहा था. अंत में अब उसे नया जीवन मिल गया है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के डॉक्टरों की करामात से इस बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया और यह बच्चा अब तंदुरुस्त हो गया ,,
डॉक्टरों को लगा कि हो सकता है कि उसने कि किसी छोटे से बच्चे को गोंद लिया हो ये उसी के पैर होंगे. लेकिन जब कपड़ा हटाया गया तो उसे देख वहां मौजूद डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ दंग रह गए, बच्चे के पेट से अटैच दो पैर डॉक्टरों को नजर आए. आम बोलचाल की भाषा में इसे चार पैर वाला बच्चा कहेंगे जबकि मेडिकल टर्म में इसे incomplete parasitic twin कहेंगे,
दिल्ली में डॉक्टरों की टीम ने बेहद ही जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, एम्स के डॉक्टरों की टीम ने ढाई घंटे की मशक्कत के बाद इस सर्जरी को सफल बनाया, एम्स सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ असुरी कृष्णा ने इस सर्जरी में अहम भूमिका निभाई, उनके अलावा डॉ वी के बंसल, डॉ सुशांत सोरेन, डॉ बृजेश सिंह, डॉ अभिनव, डॉ मनीष सिंघल, डॉ शशांक चौहान, डॉ गंगा प्रसाद, डॉ राकेश शामिल थे.डॉक्टरों की ये टीम सर्जरी के अलावा अलग अलग विभागों से शामिल हुई,
डॉक्टरों के मुताबिक गर्भ के दौरान इस तरह के केस की जानकारी मिल सकती है लेकिन इस बच्चे के पैरेंट आर्थिक तौर पर कमजोर होने की वजह से रेग्युलर जांच नहीं करवा सके, निजी अस्पताल में इलाज करवा पाना आसान नहीं था, वहां पर इलाज का खर्च काफी महंगा था, केस जटिल था तो किसी छोटे-मोटे अस्पताल में सर्जरी होना आसान नहीं था, बच्चे को दिल्ली के एम्स लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे एक नया जीवन दिया, सर्जरी को अंजाम देने वाली डॉक्टरों की टीम के मुताबिक पेट के अंदर से निकले दो पैरों की वजह से बच्चे के शरीर का ग्रोथ नहीं हो पा रहा था, उन अतिरिक्त दो पैरों की वजह से शरीर के दूसरे अंगों को नुकसान हो सकता था, डॉक्टरों के मुताबिक इस तरह की स्थिति तब बनती है जब जुड़वां बच्चों में एक का शरीर डेवलप नहीं हो पाता और उसके अंग दूसरे बच्चे के शरीर के साथ अटैच हो जाते हैं,
Post By Umesh Nath