
रांची झारखंड में पिछले बीस साल से करोड़ों की कमाई कर रहे अफीम माफिया को इस वर्ष करोड़ों का नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा अफीम माफिया को झारखंड के खूंटी जिला में हुआ है. झारखंड में अफीम नष्ट करने को लेकर पिछले बीस साल का रिकार्ड भी टूट गया है. झारखंड सीआईडी से प्राप्त आंकड़े यही बताते हैं ,
कई दशकों से झारखंड के खूंटी, चतरा, लातेहार, रांची, पलामू, चाईबासा, सरायकेला और हजारीबाग जिला में अफीम माफिया करोड़ों की कमाई किया करते थे. अफीम के धंधे में जैसे-जैसे मुनाफा दिखाई देने लगा हर साल अफीम की पैदावार माफिया के द्वारा बढ़ा दी गई ,
खासकर झारखंड के खूंटी जिला को अफीम माफिया ने अफगानिस्तान में तब्दील कर दिया था. लेकिन इस बार नतीजे बिल्कुल उलट है, बता दें कि साल 2000-2025 में अब तक 22 हजार एकड़ में लगी अफीम की फसल को झारखंड पुलिस के द्वारा रौंद दिया गया है ,पुलिस सूत्र बताते हैं कि इस बार अफीम माफिया का नुकसान अरबों में गया है. ऐसा आकलन है कि इस बार 400 करोड़ केवल झारखंड के अफीम से कमाई होनी थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है ,
सबसे पहले हम अफीम के लिए विख्यात चतरा जिला की बात करेंगे. सीआईडी से मिले आंकड़े बताते हैं कि 2021-22 में चतरा में 1145 एकड़ में लगी अफीम को नष्ट किया गया था. 2022-23 में 1822 एकड़ में लगी अफीम को नष्ट किया गया 2023-24 में 1782 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया. इस वर्ष फरवरी महीने के अंत तक चतरा में मात्र 1200 एकड़ में लगे अफीम को ही नष्ट किया गया है. चतरा में अभी काफी अफीम है जिसे नष्ट किया जा रहा है ,
झारखंड का खूंटी जिला अफीम की खेती के लिए पूरे राज्य भर में सबसे ज्यादा बदनाम है. साल 2021-22 में खूंटी में 1085 एकड़ में लगी अफीम को नष्ट किया गया. साल 2022-23 में 2272 एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया गया. साल 2023-24 में 1873 एकड़ में लगे अफीम की फसल को नष्ट किया गया लेकिन साल 2024 में खूंटी जिला में रिकॉर्ड तोड़ सफलता अफीम की खेती के खिलाफ हासिल की है. इस वर्ष अब तक 10520.29 एकड़ अफीम की फसल को नष्ट करके एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर दिया है !
post By raju