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आदिवासी समाज ने लिया फैसला पति-पत्नी के बीच संबंध विच्छेद तो संतान पर अधिकार पिता का
Wed, 22 Jan 2025
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Jharkhand चाईबासा,

पश्चिमी सिंहभूम जिले के मझगांव प्रखंड के घोड़ाबांधा में आदिवासी हो समाज महासभा के दो दिवसीय वार्षिक अधिवेशन में तलाक पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। 

यदि किसी कारणवश पति-पत्नी में संबंध विच्छेद होता है तो ऐसी स्थिति में संतान पर अधिकार पिता का ही होगा। विच्छेद के कारण लड़का और लड़की दोनों में से कोई भी हो सकता है लेकिन विवाह विच्छेद के बाद बच्चों की जिम्मेदारी पति के ऊपर होगी। क्योंकि कुर्सी नामा के अनुसार हो समाज पितृ प्रधान समाज है जो बच्चों के भविष्य के लिए अत्यंत जरूरी है।

आदिवासी हो समाज महासभा की केंद्रीय समिति के संयुक्त सचिव छोटेलाल तामसोय ने बताया कि आदिवासी हो समाज में तलाक की प्रक्रिया नहीं है। फिर भी यदि वैवाहिक जीवन कलहपूर्ण है।शांतिपूर्ण और सुखमय नहीं है तो वैसी स्थिति में विवाहित जोड़ी के बीच गंभीर एवं विषम परिस्थिति उत्पन्न होने पर, दोनों इस संबंध को तोड़ना चाहे तो मामा एवं समाज के प्रबुद्ध जनों की उपस्थिति में विचार विमर्श एवं समझाने के उपरांत भी बात नहीं बनती है तो ऐसी स्थिति में पति-पत्नी के बीच संबंध विच्छेद हो सकता

By Sunil kachhap

 
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