
हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व है, मां शीतला जीवन को शीतल करती है, माँ शीतला जीवन के कस्ट को दूर करती, यह पर्व माता शीतला को समर्पित है, शीतला अष्टमी क्या है, शीतला अष्टमी मां शीतला को समर्पित है, शीतला माता रोगों से मुक्ति दिलाने वाली देवी है !

इस बार शीतला अष्टमी 22 मार्च शनिवार को मनाया जाएगा, यह कृष्णा पांच की अष्टमी तिथि को पड़ता है, उत्तर भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है शीतला पूजा करने के, मुहूर्त, शीतला पूजा करने के शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है, अष्टमी तिथि 21 मार्च को रात्रि 11:41 बजे प्रारंभ होगी, और 22 मार्च 12:25 बजे तक रहेगी, अष्टमी का व्रत 22 मार्च को रखा जाएगा, इस दिन सूर्यदय से लेकर रात्रि तक मूल नक्षत्र रहेगा !
मां शीतला आरोग्य प्रदान करती है, जीवन में शरीर के रोगों से मुक्ति दिलाता है, मां शीतला बच्चों को गंभीर बीमारियों से रक्षा करती है मां शीतला को बाशी भोजन का भोग लगाया जाता है मां शीतला की पूजा अर्चना विधि विधान से करने से जीवन की कस्ट को दूर करती पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां शीतला देवी पार्वती का रूप है, मां शीतला चेचक जैसी बीमारी को दूर करती है !
POST BY NIKHIL